रोज नयी सुबह रोज नयी शाम होती हे,
जिंदगी हर रोज एक नया इम्तिहान होती हे।
चेन की नींद गँवा कर खुशिया खरीदने निकलता हूँ,
दिन भर की थकान रात को मुश्कीलसे उतरती है।
गुज़रते वक़्त के साथ हालात बदलते गए,
सपने कुछ पुरे तो कुछ चूर चूर हो गए।
कोई गैर साथ निभा गया जिंदगानी के इस सफर में,
तो कोई अपना ही दे गया धोखा कई बार इस सफर में।
भरोसा अब किस पर करे किस पर नहीं,
किसे सही जाने और किसे नहीं।
जिंदगी के तजुर्बेने सीखाया,
मतलब निकल जाने के बाद कोई किसी का नहीं।
थक चुका हुँ जिंदगी तेरे रोज़ के ये इम्तिहानो से,
ईमान अपना छोड़ नहीं सकता और किसी से कुछ मांग भी नहीं सकता।
बस इतना रहम कर दे अब मुज पर ए जिंदगी,
या तो मौत दे दे या अपने इम्तिहान ख़तम कर।
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Permissions beyond the scope of this license may be available at http://www.gujjustuff.com/
जिंदगी हर रोज एक नया इम्तिहान होती हे।
चेन की नींद गँवा कर खुशिया खरीदने निकलता हूँ,
दिन भर की थकान रात को मुश्कीलसे उतरती है।
गुज़रते वक़्त के साथ हालात बदलते गए,
सपने कुछ पुरे तो कुछ चूर चूर हो गए।
कोई गैर साथ निभा गया जिंदगानी के इस सफर में,
तो कोई अपना ही दे गया धोखा कई बार इस सफर में।
भरोसा अब किस पर करे किस पर नहीं,
किसे सही जाने और किसे नहीं।
जिंदगी के तजुर्बेने सीखाया,
मतलब निकल जाने के बाद कोई किसी का नहीं।
थक चुका हुँ जिंदगी तेरे रोज़ के ये इम्तिहानो से,
ईमान अपना छोड़ नहीं सकता और किसी से कुछ मांग भी नहीं सकता।
बस इतना रहम कर दे अब मुज पर ए जिंदगी,
या तो मौत दे दे या अपने इम्तिहान ख़तम कर।
आशिष महेता
जिंदगी तेरे इम्तिहान by Ashish A. Mehta is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License.
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Waaah
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